tum mere paas hote ho goyaa
jab koi'ii duusraa nahiN hotaa
This is one of the most popular of Momin's all ghazals.
It's quite a long ghazal that has nine couplets.
असर उसको ज़रा नहीं होता
रंज राह्तफ़ज़ा नहीं होता
तुम हमारे किसी तरह न हुए
वरना दुनिया में क्या नहीं होता
तुम मेरे पास होते हो गोया
जब कोई दूसरा नहीं होता
हाल-ए-दिल यार को लिखूं क्यूं कर
हाथ दिल से जुदा नहीं होता
The whole ghazal in Urdu, Hindi and English is available
at http://urduindia.wordpress.com/2006/08/01/momin-khan-momins-famous-urdu-ghazal/